45 साल बाद डेनमार्क ओपन के मेन डबल्स का ख़िताब इंग्लैंड के झोली में, पढ़िए पूरी रिपोर्ट यहाँ।



डेनमार्क ओपन जीतने वालों की सूची में क्रिस लैंगरिज और मार्कस एलिस ने अपना नाम सुनहरे अक्चछरों लिखवा दिया।  45 साल के अंतराल के बाद किसी इंग्लिश पुरुष जोड़ी ने यह ख़िताब जीता हैं।

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता जोड़ी ने रूस की व्लादिमीर इवानोव और इवान सोजोनोव की जोड़ी से पहले गेम में हारने के बाद तीसरे गेम तक चले मैच में हरा दिया।

निर्णायक गेम में 7-2 से पिछड़कर यह जोड़ी ओडेंस में 20-22, 21-17, 21-18 से जीत दर्ज करने में सफल रही। इससे पूर्व सेमीफइनल में क्रिस और मार्कस की जोड़ी ने डेनमार्क के स्थानीय जोएल ऐपे एवं रसमस केयर की युवा जोड़ी की सीधे सेटों में हराकर फाइनल में जगह बनायीं थी।  वहीँ व्लादिमीर इवानोव और इवान सोजोनोव की जोड़ी ने सेमीफइनल में इंग्लैंड के बेन लेन एवं सीन वेंडी को तीन सेट तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले हराकर फाइनल में जगह पक्की की थी।  

वे 1975 में डेविड एडी और एड्डी सटन के बाद खिताब जीतने वाले पहले अंग्रेज बन गए।

डेनमार्क ओपन मार्च के बाद से होने वाला पहला वर्ल्ड टूर बैडमिंटन इवेंट है।  इस बीच होने वाले सभी निर्धारित प्रतियोगिताओं को कोविद -19 महामारी की वजह से रद्द करना पड़ा। 

इंग्लैंड के क्रिस और गैबी एडकॉक लैंगरिज और एलिस की सफलता को दोहराने की उम्मीद कर रहे होंगे, जब उनका सामना रविवार को मिश्रित युगल के फाइनल में जर्मन जोड़ी मार्क लम्सफस और इसाबेल हर्ट्रिक से होगा।

महिला युगल के फाइनल में प्रथम वरियता प्राप्त जापान की युकी फुकुशिमा और सायाका हीरोता की जोड़ी ने  दूसरी वरियता प्राप्त हमवतन मायु मात्सुमोतो एवं वकाना नगाहारा की जोड़ी को 21-10, 16-21, 21-18 से मात देकर ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया।  

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